अमर प्रेम कहानी का अंत? फूलों और भौंरे के रिश्तों में आईं दूरियां, रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा

दुनिया में एक अमर प्रेम कहानी अब खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। भंवरे ने खिलाया फूल फूल ले गया कोई राजकुमार… ‘प्रेम रोग’ फिल्म का यह गाना आपने जरूर सुना होगा। इस गाने में फूल और भौंरा यानी फूल-कीट के प्रेम संबंध को बताया गया है। यहां फूल-भौंरा दोनों एक दूसरे से कनेक्ट हैं। बिना फूल पर बैठे न तो भौंरा रह पाता है और बिना भौंरा के फूल की सुंदरता भी नहीं बढ़ पाती है।

फूलों और कीटों के बीच बहुत पुराना संबंध है, लेकिन जलवायु परिवर्तन की वजह से धीरे-धीरे इनके रिश्तों में दूरियां आ रही हैं। पहले फूलों पर कीट परागण की प्रक्रिया बहुत होती थी। न्यू फाइटोलॉजिस्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया है कि फूल अब परागण की प्रक्रिया कम करते हैं, जिससे कीटों की संख्या में गिरावट आ रही है। परागण का संबंध कीट-पंतगो जैसे तितली, भंवरा, मधुमक्खी मक्खी, ततैया से है, जो फूलों पर बैठकर उसकी सुंदरता बढ़ाते हैं।

अब बिना परागण के विकसित हो रहे फूल

शोधकर्ताओं ने पाया कि पेरिस के पास स्थित फील्ड पैन्सी के फूल 10 प्रतिशत छोटे हो रहे हैं, जिससे उनमें से 20 प्रतिशत कम अमृत या रस निकल रहे हैं। साथ ही अध्ययन में यह पता चला है कि अब फूल बिना परागण के ही विकसित हो रहे हैं। वे अब स्वत: ही परागण की प्रक्रिया कर रहे हैं। अर्थात् अब बिना भौंरे के फूल अपनी सुंदरता बढ़ा रहा है, लेकिन भविष्य में पर्यावरणीय परिवर्तनों से उनकी यह प्रक्रिया सीमित हो सकती है।

जानें फूल-भौंरा का क्या है संबंध

फूल अपनी सुदंरता से कीट पतंगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसके बाद कीट परागण क्रिया करती हैं और फूलों को और अधिक सुंदर एवं आकर्षित बना देते हैं। कई पुष्पों में कीटों के लिए खाद्य पदार्थ भी निर्मित होते हैं। फूलों और भौंरा दोनों एक-दूसरे के आसपास रहते हैं।

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